छिछलती बूंद

महीन तहों के बीच

यह

जो

तुम

मचलती हो

कहीं

दूर

बहुत दूर

आकाश से

शून्य से

फहरी चली आती हो

उझककर बारिश के तानो-बानों के बीच

शामिल हो लेती हो

छिछलती बूंद

किसने सिखाया तुम्हें

हर पर

यूं

बवला बनना

ब्नाना .